एक रहस्यमय युद्ध
Chapter – 20: नूरा सुरा का षड्यंत्र
तांत्रिक उर्फ राजकुमार नूरा,” जी महाराज तब तो आपको अपनी बेटी की चोटी का, इस्तेमाल कर लेना चाहिए, क्या इसमें भी कोई समस्या है,”
राजा नरवीर ,”हां राजकुमार नूरा ,इसमें भी एक सबसे बड़ी समस्या है ,और हम यही नहीं कर सकते,”
तांत्रिक उर्फ राजकुमार नूरा,” ऐसी क्या समस्या है, महाराज ,आप मुझे बताइए ,जहां तक होगा ,मैं इस समस्या का हल निकाल लूंगा,”
राजा नरवीर,” दरअसल ,उस राक्षस सिंबा के लिए हमें अपनी बेटी की चोटी को काटना पड़ेगा, और फिर उसे अपने नाम से अभिमंत्रित कर , उस दैत्य सिंबा को बांधना होगा,”
सुरा ,” तो महाराज जिसमें क्या दिक्कत है, राजकुमारी की चोटी इतनी लंबी है ,इसे काट लीजिए ,यह तो कुछ समय बाद ,फिर से इतनी ही बड़ी हो जाएगी,”
राजकुमारी शिल्पा,” नहीं ,नहीं, मैं अपनी चोटी नहीं दूंगी, यह मुझे बहुत प्रिय है, वर्षों की देखभाल के बाद मेरे यह बाल इतने बड़े हुए हैं, मैं अपनी चोटी नहीं दूंगी, कोई और तरीका निकालिए, उस सिंबा को रोकने का,”
सूरा ,”क्या कह रही हो, राजकुमारी शिल्पा ,आप अपने राज्य के लिए इतना भी सहयोग नहीं कर सकती, अगर आप चोटी नहीं दोगे तो ,वह सिंबा आपके इस साम्राज्य को मिट्टी में मिला देना ,तब आप क्या करोगे ,इस चोटी का, और हो सकता है , आप इतनी सुंदर हो ,वह आपको भी अपने साथ उठा ले जाए, फिर आप क्या करोगे इस चोटी का ,”
राजकुमार नूरा,” शांत रहो सुरा ,मुझे लगता है ,अभी महाराज जी की बात पूरी नहीं हुई हैं, अभी कोई और भी रहस्य हमें बताने वाले हैं,
राजा नरवीर,” तुमने बिल्कुल ठीक कहा, इसमें भी एक बहुत बड़ी समस्या है ,”,और फिर अपना सिर झुका लेता है,
तांत्रिक नूरा,” क्या समस्या है महाराज ,बताइए तो सही, चुप रहने से कुछ नहीं होगा ,हमें इस मुसीबत को रोकना तो होगा ही,”
राजा नरवीर ,”अगर हमारी पुत्री की चोटी ,हमने काटकर उस सिंबा को रोक दिया तो, उसके बाद हमेशा के लिए हमारी बेटी चुड़ैल बन जाएगी, और फिर हजारों वर्षों तक उसे चुड़ैल की योनि में ही रहना होगा,”
तांत्रिक नूरा और सुरा ,एकदम से हैरान रह गए थे, और एक दूसरे की तरफ आश्चर्य से देख रहे थे,
सुरा ,”यह क्या कह रहे हैं महाराज ,आप राजकुमारी को चुड़ैल बनना पड़ेगा ,यह तो बड़ी विकट समस्या है ,यानी हमारे सामने आगे कुआं पीछे खाई वाली स्थिति बन रही है,”
” अगर हम आपके साम्राज्य को बचाने के लिए, आगे बढ़ते हैं तो, आपको अपनी बेटी को, हमेशा के लिए खोना होगा, और आपकी बेटी को भी, अपना बलिदान देकर हमेशा के लिए चुड़ैल का रूप धारण करना होगा ,और अगर वह ऐसा नहीं करेगी तो ,आपके साम्राज्य के साथ-साथ वह दैत्य सिंबा सब को नष्ट कर देगा,”
राजकुमारी शिल्पा ,”नहीं मुझे चुड़ैल नहीं बनना है, मैं अपनी चोटी बिल्कुल काटकर नहीं देने वाली हूं, चाहे कुछ हो जाए ,मैं यहां से दूर भाग जाऊंगी ,इतनी दूर जहां मुझे कोई ढूंढ नहीं पाएगा,”
राजकुमार नूरा ,”शांत रहिए राजकुमारी ,ऐसा कुछ नहीं होगा ,आपको अपनी चोटी काटने की कोई जरूरत नहीं है, हम इस पर कोई अन्य हल निकालेंगे ,और सब कुछ ठीक कर देंगे,”
राजा नरवीर,” पर यह नामुमकिन है, ऐसा और कोई तरीका नहीं है, अभी वह राक्षस सिंबा उस सरोवर के आस-पास के वन से बाहर नहीं जा सकता ,उसे यही श्राप मिला हुआ है, और कोई बहुत बड़ा पापी ही ,उसे कभी कभार नींद से जगा सकता है ,और मुझे लगता है ,किसी पापी इंसान ने हीं उसे इस बार जगा दिया,
,”और शायद अब वह हमारी राजकुमारी की चोटी भी हासिल करना चाहता है, तभी कल रात हमारे महल के ऊपर काली शक्तियां मंडरा रही थी, जिन्हें तुमने नष्ट कर दिया,”
“अब मुझे सब खेल समझ में आता जा रहा है”, और बेहद दुखी होकर ,अपनी बेटी की तरफ देखते हैं ,”मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूंगा पुत्री ,कोई तुम्हारी चोटी काट कर नहीं ले जा पाएगा,”
सूरा,” वह तो बात ठीक है महाराज, फिर उस राक्षस को कैसे रोकेंगे, सवाल तो यह उठता है ,मुझे तो लगता है, राजकुमारी को चुड़ैल बनना ही होगा ,इसके अलावा कोई रास्ता नहीं हो सकता, राजकुमारी जी आपको तो यह बलिदान देना ही पड़ेगा ,”,”,और राजकुमारी की तरफ देखकर मुस्कुराता है,
राजकुमारी शिल्पा, उसे खा जाने वाली नजरों से देखती है,
राजकुमार नूरा,” शांत रहो ,राजकुमारी के साथ मजाक करने की ,कोई आवश्यकता नहीं, वैसे भी यह समय मजाक का नहीं है, गहराई से कुछ सोचने का है, और इस समस्या से निजात पाने का है,”
महामंत्री ,जो अभी तक उनकी बातें सुन रहा था, वह भी अपने विचार रखने उनके पास आ जाता है,
महामंत्री ,”महाराज एक तरीका और है ,उस दैत्य सिंबा को रोकने का फिर से सुलाने का,”
राजकुमार नूरा ,”कौन सा तरीका है, महामंत्री मुझे बताओ,”
महामंत्री ,”हमें उस तांत्रिक को रोकना होगा ,जिसने दैत्य सिंबा को जगाया है ,और उस तांत्रिक की बलि देनी होगी, उस दैत्य सिंबा को, तब हमारा काम बन सकता है, बलि से खुश होकर ,वह दैत्य हमसे कुछ मांगने को कहेगा ,और हम उसे लंबी निंद्रा में फिर से भेज देंगे,”
राजकुमार नूरा,” हां यह तरीका तो बेहद सही है ,हमें उस तांत्रिक को पकड़कर ,उसकी बलि दे देनी चाहिए,”
राजा नरवीर ,”पर यह काम भी नहीं हो सकता, यह तो सिर्फ एक कल्पना के समान होगा,”
तांत्रिक उर्फ राजकुमार नूरा ,”पर क्यों महाराज, मुझे तो यह सीधा और साफ रास्ता लग रहा है ,हमें इसी पर चलना चाहिए,”
राजा नरवीर, एक लंबी सांस लेते हैं ,और महामंत्री की तरफ देखते हुए ,”यह बलि वाला काम इसलिए नहीं हो सकता ,क्योंकि हमारे इस साम्राज्य में ,और आसपास के किसी भी राज्य में, कोई इतना बड़ा तांत्रिक नहीं है, जो इतने बड़े तांत्रिक हवन का ,आयोजन कर सके, उसे संभाल सके, जिसमें उस तांत्रिक की बलि दी जा सके, जिससे वह दैत्य सिंबा खुश हो जाए ,और उसकी सारी काली शक्तियों का, भक्षण करके चिर निंद्रा में चले जाए,”
सुरा,” क्या कह रहे हो महाराज ,क्या आपके साम्राज्य में कोई भी इतना बड़ा तांत्रिक नहीं है,”
महामंत्री ,”नहीं ,हमारे साम्राज्य में ,और आसपास के साम्राज्य में ,कोई भी तांत्रिक नहीं बचा है ,सब तांत्रिक को यह सिंबा ,अपना भक्षण कर चुका है, ताकि खुद सबसे बड़ा तंत्र ज्ञाता बन जाए ,और इसलिए वह इतना शक्तिशाली बन भी गया है,”
राजकुमार नूरा ,”अगर उसने सभी तांत्रिकों का भक्षण कर लिया है तो ,फिर उसे जगाया किसने , जगाने वाला तांत्रिक ही तो होगा, यह तांत्रिक आया कहां से,”
राजा नरवीर ,”यही तो अब मैं भी सोच रहा हूं, कि यह तांत्रिक आया कहां से ,”
महामंत्री,” महाराज मुझे एक व्यक्ति पर शक है”
राजा नरवीर ,”किस पर महामंत्री ,कौन हो सकता है ,वह तांत्रिक,”
महामंत्री ,”महाराज कई वर्षों पूर्व ,एक लड़का था ,उसका नाम बलवान था ,आपको याद है ,वह लड़का बेहद गुप्त तरीके से ,तंत्र ज्ञान अर्जित कर रहा था, ,मुझे तो लगता है ,उस लड़के बलवान ने, तांत्रिक शक्तियां हासिल कर ली है ,और उसी ने ही इस सिंबा को जगाया होगा,”
राजा नरवीर,” हां महामंत्री ,मुझे भी कुछ कुछ याद आ रहा है ,उसकी भी अपनी एक अलग कहानी थी , उसके पिता भी एक तांत्रिक ही थे ,और उसे भी थोड़ा बहुत ज्ञान मिल गया था, अपने पिता को तांत्रिक क्रिया करता देख कर,”
“परंतु मुझे तुम्हारी बात पर विश्वास नहीं हो रहा है, क्योंकि यह लड़का बलवान ,अपने पिता को मारकर खा जाने वाले का, साथ क्यों देगा ,वह तो उसे और भी नष्ट करने का विचार मन में पालेगा,”
महामंत्री ,”पर महाराज उस दिन ,उस लड़के ने प्रतिज्ञा की थी की, मेरे पिता को मारकर खाने वाले दैत्य सिंबा को, मैं एक दिन अपने घुटनों पर ले आऊंगा ,और शायद वह इसी के लिए सब कुछ कर रहा है,”
महाराज नरवीर,” पर यह बात तो ,उस दैत्य सिंबा को भी पता चल जाएगी ,वह क्यों जानबूझकर ,उस बलवान के शिकंजे में जाएगा, गुलाम बनने के लिए, वह ऐसा हरगिज़ नहीं करेगा, चाहे उसे हमेशा के लिए ,उस सरोवर में ही क्यों न रहना पड़े,”
महामंत्री ,”पर ऐसा भी तो हो सकता है ,महाराज शायद उस दैत्य सिंबा ने, कोई और चक्रव्यू बनाया हो ,”
राजा नरवीर,” यह सब जानना बेहद मुश्किल है, कौन पता लगाएगा ,इन सब बातों को की ,आखिर अब क्या होने वाला है,”
सुरा ,”अगर बलवान नाम का कोई शख्स है ,और उस पर शक है, तो उसे पकड़ कर ले आइए महाराज, फिर उसी से सब सच्चाई हम जान लेंगे, वैसे अभी वह सिंबा अपने उस जंगल से तो, बाहर आने से रहा ,तो फिर अभी इतना डरने की कोई आवश्यकता नहीं, बस लोगों को उस जंगल में जाने से रोक दीजिए,”
राजा नरवीर ,”यही तो अब सबसे बड़ी समस्या है”
राजकुमार उर्फ तांत्रिक नूरा ,”अब इसमें क्या समस्या है महाराज, क्या वह जंगल से बाहर आ जाएगा,”
राजा नरवीर ,”राजकुमार नूरा द,रअसल अगर वह दैत्य सिंबा ,अब जागकर तपस्या में लग जाएगा ,और जो भी उसे तपस्या करते हुए देखेगा ,वह उसी वक्त जलकर भस्म हो जाएगा ,उसे यह आशीर्वाद मिला हुआ है ,और अगर उसकी तपस्या पूरी हो गई ,उसके बाद यकीनन वह जंगल से बाहर आ जाएगा,”
सुरा ,”यह तो विकट समस्या है ,इसका मतलब हम उसकी तपस्या भंग करने भी ,उसके सामने नहीं जा सकते ,और वह अपनी तपस्या पूरी करते ही, चारों तरफ हाहाकार मचा देगा,”
राजकुमार नूरा ,”और उसकी तपस्या पूरी होते ही ,अगर राजकुमारी की चोटी से , दैत्य सिंबा को बांध दिया जाए, तो वह हमारे काबू में आ जाएगा ,मैंने ठीक कहा ना महाराज,”
राजा नरवीर ,”हां जो भी उसे राजकुमारी की चोटी के साथ बांध देगा ,वह उसी का गुलाम बन जाएगा,”
राजकुमार नूरा, के मन ही मन में ,बेहद खुशी का तूफान उठ चुका था ,और उसका मन कर रहा था ,अभी इस राजकुमारी की चोटी काट कर ,उस सिंबा वन में पहुंच जाए, और महाशक्तिशाली काली शक्तियों के, सबसे बड़े दैत्य सिंबा को, अपना गुलाम बना ले,”
सुरा ,के मन में भी अलग से विचार उठने लगे थे, और वह भी मन ही मन में, अगर इस राजकुमारी की चोटी काट कर में ,उस सिंबा को अपना गुलाम बना लूं तो, फिर तो मजा ही आ जाएगा ,मैं तो अपने गुरु का भी बाप बन जाऊंगा,”
राजकुमारी,” पिताजी आप कोई तांत्रिक की खोज शुरू करवा दीजिए ,कोई ना कोई तो अवश्य मिलेगा, वह हमारे लिए एक बड़ा अनुष्ठान कर देगा ,आप कोशिश तो कीजिए,”
राजा नरवीर,” सेनापति अपने सैनिकों को हर दिशाओं में भेज दो ,और कहीं से भी ,एक तांत्रिक का बंदोबस्त करके लाओ,”
सेनापति,” ठीक महाराज, आज मैं अभी ,सभी दिशाओं में अपने सैनिकों को भेज देता हूं ,”और वहां से चला जाता है,
महामंत्री ,”महाराज तो क्या,उस बलवान को ढूंढने का कार्य शुरू करवाया जाए या नहीं,”
राजा नर वीर ,”हां उसे भी ढूंढ कर निकाला जाए, अगर मिल जाए तो अच्छा है, पर मुझे नहीं लगता है, हमें कहीं मिल पाएगा ,पर फिर भी कोशिश करके देख लो,”
महामंत्री ,”ठीक है महाराज ,अच्छा महाराज क्या हम किसी तरीके से ,उस दैत्य सिंबा की, तपस्या भंग करने की कोशिश करें ,अगर हमें सफलता मिल गई तो, हमें ज्यादा समय मिल जाएगा, उस से निपटने के लिए, क्योंकि तपस्या भंग होने के बाद ,वह अगली अमावस्या तक, दोबारा से तपस्या में भी नहीं बैठ सकता है,”
राजा नरवीर ,”पर यह काम होगा कैसे, उस पर नजर पड़ते ही, हमारे सैनिक मारे जाएंगे,”
राजकुमार नूरा , उनकी बात सुनकर ,”महाराज मैं आपकी पुत्री की सुरक्षा के लिए ,यह खतरनाक काम करने के लिए तैयार हूं, मैं उस राक्षस सिंबा की तपस्या भंग करने जाऊंगा ,और आप मेरा विश्वास रखिए, मैं इस काम में, पूर्ण रूप से सफल होकर ही लौटूंगा,”
राजा नरवीर ,”क्या कह रहे हो ,नहीं ,नहीं ,आप तो हमारे अतिथि हैं, हम आपको इतने बड़े संकट में नहीं डाल सकते,”
राजकुमारी शिल्पा,” जाने दीजिए पिताजी ,राजकुमार नूरा भी कोई साधारण इंसान नहीं है ,यह अवश्य सफल होंगे ,मुझे इन पर पूरा विश्वास है,”
सुरा ,मन ही मन में ,”ज्यादा विश्वास करने की कोई, आवश्यकता नहीं है राजकुमारी, बहुत जल्द मैं तुम्हारी चोटी काट कर ,उस राक्षस को ,अपना गुलाम बनाने वाला हूं ,और फिर उसके बाद ,तुम भटकती रहना, चुड़ैल बनकर, हजारों हजार बरस तक ,मुझे क्या फर्क पड़ने वाला है,”
तांत्रिक उर्फ राजकुमार नूरा,” अच्छा तो महाराज हम अपने कक्ष में जा रहे हैं ,और बहुत जल्द उस वन के लिए निकलेंगे ,”,और उन्हें प्रणाम करके, वहां से बाहर निकल जाता है ,और उसके साथ-साथ सुरा भी,
राजकुमारी शिल्पा, भी उनके पीछे चली जाती हैं, और बाहर गलियारे में,” रोकिए राजकुमार नूरा,”
राजकुमार नूरा ,अपने पीछे भाग कर आती, उस रूप की सुंदरी ,राजकुमारी शिल्पा की आवाज ,सुनकर बेहद खुश हो जाता है, और पलट कर उसे देखता है,
राजकुमारी शिल्पा ,”आप वहां मत जाइए ,कहीं वह दैत्य आप को नुकसान ना पहुंचा दे ,पिताजी के सामने तो मैंने ऐसे ही कहा था ,आप आसानी से ,समस्या को निपटा सकते हैं, पर अब मुझे अच्छा नहीं लग रहा हैं,”
राजकुमार नूरा,” तुम फ़िक्र मत करो राजकुमारी ,मैं उस वन में जाकर, उस सिंबा को ठिकाने लगा दूंगा, और अगर तुम्हें भी मेरे साथ चलना है तो, तुम चल सकती हो, साथ साथ में, भ्रमण करने का अलग ही आनंद आ जाएगा,” और अपने आंखों से ,उस पर प्रेम के बाण चलाता है,
राजकुमारी शिल्पा,” क्या कहा ,आप मुझे भी अपने साथ ले जाएंगे, भ्रमण पर, पर कहीं वह राक्षस हमें मार ना डाले,”
राजकुमार उर्फ तांत्रिक नूरा ,”क्या हुआ राजकुमारी, एक दूसरे का हाथ थाम कर ,हम इस संसार से मुक्ति पा लेंगे, और फिर अगले जन्म में एक साथ जन्म लेंगे,”
राजकुमारी शिल्पा ,उसकी बात सुनकर अजीब सा अनुभव करती है, और उसका मन ,अब और ज्यादा प्रेम में व्याकुल हो उठा था ,”क्या राजकुमार आप सच में मुझ से प्रेम करने लगे हैं,”
राजकुमार उर्फ तांत्रिक नूरा ,”राजकुमारी जी ,यह महल आपका है ,इसलिए आप पहले ,अपनी मन की बात हमें बताइए,”
राजकुमारी शिल्पा ,”जी हां राजकुमार, हम आप से प्रेम करने लगे हैं,हमारे मन मंदिर में ,आप ही की तस्वीर बन गई है ,”,और अपनी नजरें नीची कर लेती हैं,
राजकुमार उर्फ तांत्रिक नूरा ,खुशी से पागल हो था, उसका तो दिल कर रहा था ,अभी इस राजकुमारी को उठा कर, वन की तरफ प्रस्थान कर जाए,
सुरा ,वही पीछे खड़ा, उन दोनों की बातें सुन रहा था ,और “गुरुदेव तो बहुत तेज निकले, इनके तो दोनों हाथ में लड्डू है, यह तो अपने तंत्र विद्या को ,इस राजकुमारी के साथ मिलकर भी बेहद बढ़ा सकते हैं ,और ऊपर से वन में ले जाकर ,इसकी चोटी काट कर, उस दैत्य को भी अपने वश में कर सकते हैं ,गुरुदेव तो कमाल के हैं,इनसे जीतना आसान नहीं,”
राजकुमार उर्फ तांत्रिक नूरा ,”अच्छा तो बताइए, क्या आप चलेंगे हमारे साथ ,उस दैत्य सिंबा के शिकार पर ,हैं आपके अंदर यह हिम्मत ,”,और मुस्कुराकर से आंखों में देखता है,
राजकुमारी शिल्पा ,मुस्कुराते हुए ,”ठीक है ,अब जीना मरना आपके ही साथ है ,जब जाओगे वन की तरफ तो, बता देना” और पलट कर चली जाती हैं,
सुरा ,”आपने तो कमाल कर दिया गुरुदेव, मुझे तो विश्वास नहीं हो रहा है ,आपने राजकुमारी को ,”आईने में कैसे उतार लिया, वह तो खुद आपके साथ, वन जाने के लिए तैयार हो गई हैं, अब तो आप शक्तिशाली बन ही गए समझो,”
तांत्रिक नूरा,” इसे कहते हैं किस्मत, मैं अपने समय काल में, तक तपस्या कर करके ,पागल हो गया था ,पर मुझे इतनी बड़ी ताकत हाथ नहीं लग रही थी ,पर जब से इस समय काल में आया हूं, उन दो लड़कों की बदौलत, समझो मेरी तो पूरी किस्मत ही बदल गई ,एक तरफ जहां राजकुमारी ,जैसी सुंदर लड़की मिल गई ,तो दूसरी तरफ अब दैत्य सिंबा ,जैसा सेवक भी मिल ही जाएगा,”
सुरा,” पर गुरुदेव ,मेरी एक बात समझ नहीं आई ,अगर आज्ञा दें ,तो पूछ लूँ,”
तांत्रिक नूरा,” हा, हा ,मैं बहुत खुश हूं ,तुम्हें जो दिल करे वह पूछो,”
सुरा,” गुरुदेव ,उस दैत्य को गुलाम बनाने के लिए तो” आपको राजकुमारी की चोटी काटने पड़ेगी ,”और ऐसा करते ही, वह चुड़ैल बन जाएगी “फिर तो यह राजकुमारी आपके” किसी काम की नहीं रहेगी” तो क्या आप इतनी, सुंदर राजकुमारी से हाथ धोना चाहेंगे”,”
तांत्रिक नूरा ,उसकी बात सुनकर ,”बड़ी जोर से हंसता है” और ,”तू फिक्र मत कर ,मैं इतनी जल्दी इसकी चोटी नहीं काटने वाला हूँ,”
सुरा, उसकी बात सुनकर” मन ही मन में खुश हो जाता है,” अच्छा तो गुरुदेव ,आप कब राजकुमारी की चोटी काटेंगे,”
तांत्रिक नूरा ,”अरे पहले तो, मैं अब इस राजकुमारी से विवाह कर लूंगा ,और फिर सुख से कई दिन इसके साथ बताऊंगा, और साथ साथ में, तांत्रिक हवन करके,” काली शक्तियों को ,और भी प्रबल और शक्तिशाली बना लूंगा ,ताकि जब मैं इसकी चोटी काट कर ,उस दैत्य सिंबा को अपना गुलाम बना लू, तो मेरा शरीर उस ताकत को बर्दाश्त कर सके ,वरना क्या पता ,मैं नष्ट भी हो जाऊं,”
सुरा ,अपने गुरुदेव की बात सुनकर, थोड़ा सा एकदम से निराश हो गया था, क्योंकि उसका भी यही प्लान था कि, चुपके से राजकुमारी की चोटी काट कर ,उस दैत्य सिंबा को ,अपने कंट्रोल में लेने का ,पर अब गुरुदेव की यह बात सुनकर की ,हद से ज्यादा शक्ति नष्ट भी कर सकती है ,तो उसे अब ,अपनी जान का डर सताने लगा था,
तांत्रिक नूरा ,”तू फिक्र मत कर, जब यह दैत्य सिंबा मेरा गुलाम बन जाएगा ,तो तुझे भी मैं बेहद शक्तिशाली तांत्रिक बना दूंगा ,और अपना दूसरा सेवक,”
सुरा ,”ठीक है गुरुदेव, इसीलिए तो मैं आपकी सेवा में लगा रहता हूं, ताकि मुझे उसका कुछ फल मिल जाए,” और जबरदस्ती मुस्कुरा कर, अपने गुरु को प्रसन्न करता है,
तांत्रिक नूरा ,”चल अब कक्ष में चलते हैं, और थोड़ा राजभोग का आनंद लेते हैं ,”और फिर दोनों अपने कक्ष की तरफ बढ़ गए थे,
सुरा ,”गुरुदेव पर एक बात का और जवाब तो दीजिए”
तांत्रिक नूरा ,”अब कौन सा सवाल तेरे दिमाग में आ गया, चल पूछ,”
सुरा ,”गुरुदेव आप राजकुमारी से ,विवाह कहां करेंगे, इसी राज महल में ,या फिर वन में ले जाकर, क्योंकि अगर आपने महल में विवाह करना है तो ,आपको महाराज की अनुमति लेनी होगी ,और अगर आप ने चुपके से वन में विवाह कर लिया तो, शायद महाराज नाराज हो जाए ,
“और फिर आपके कार्यों में हस्तक्षेप ना कर दे , वह आपको तांत्रिक क्रियाएं भी ना करने दें, इससे तो आपका सारा प्रयोजन असफल हो जाएगा ,और यह भी हो सकता है, महाराज वन से राजकुमारी को ,जबरदस्ती महल में लाकर कैद कर ले, फिर आप क्या करोगे,”
तांत्रिक नूरा ,अपने चेले की बात सुनकर ,एक लंबी सांस लेता है ,और फिर कुछ सोचते हुए,” मुझे लगता है, तू इसी राज महल में ,मुझे घोड़ी पर चढ़वायेगा, फिर तो अब महाराज से बात करनी ही होगी, पर इसके लिए मुझे ,अब फिर से राजकुमारी को तैयार करना होगा, ताकि वह भी अपने पिता पर विवाह के लिए दबाव बना सकें, और दो-चार दिन में ही हमारा विवाह हो जाए,”
सुरा ,”और गुरुदेव ,आप अभी उस तांत्रिक को भूल रहे हैं, जिसने राजकुमारी शिल्पा पर हमला किया है, वह भी तो, हमारे काम में टांग अड़ा सकता है ,और शायद अब वह और भी खतरनाक रूप में हमारे सामने आ जाए, हमें इसकी भी तो तैयारी करनी होगी ,वरना कहीं हम दोनों ही यमराज को प्यारे ना हो जाए,”
तांत्रिक नूरा ,”यानी हमारे पास समय कम है ,और काम बहुत ज्यादा ,हर काम हमें बेहद तेजी से मिटाना होगा,”
क्रमशः
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