एक रहस्यमई युद्ध – 28

एक रहस्यमई युद्ध

Chapter – 28: तांत्रिक नूरा की नई चाल

तांत्रिक चित्र देवा, अब पूरी ऊर्जा और शक्ति के साथ, नई-नई शक्तियों को पैदा करता जा रहा था, उसकी आंखें अब पहले की तरह ही, चमकने लगी थी ,ऐसा लगने लगा था ,जैसे भूखे भेड़िए ,उसकी आंखों से, झांकने लगे हो, उसका चेहरा ,अब बेहद खूंखार होता जा रहा था,

 

 

 

 

 

हवलदार गायब सिंह, कि दिल की धड़कन उसे देखकर बढ़ने लगी थी ,”यह तो मुझे लग रहा है ,मरवाने वाले काम कर रहा है ,अगर किसी ने से इस रूप में देख लिया तो, आफत आ जाएगी” ,और वह नजर उठा कर इधर-उधर देखता है,

 

 

 

 

 

 

 

उसकी नजर, दूर खिड़की पर पड़ती है ,और वहां बैठी चिड़िया को देखकर ,जिसकी आंखें लाल होकर चमक रही थी ,

 

 

 

गायब सिंह ,और चिड़िया की नजर आपस में टकराती है, और अकेले ही पल, गायब सिंह को ऐसा लगता है, जैसे किसी ने ,उसके ऊपर अपना कंट्रोल कर लिया हो,

 

 

 

 

 

गायब सिंह, इस वक्त किसी के भी कंट्रोल में नहीं था, और इस वक्त वह एक आम इंसान ही था ,और वह भी डरा हुआ ,इसलिए उसने दिमाग पर, बेहद आसानी से चुड़ैल चिड़िया ने, अपना कब्जा कर लिया था,

 

 

 

 

 

 

 

गायब सिंह,” तांत्रिक, सुन बे तांत्रिक,”

 

 

 

 

 

 

 

तांत्रिक चित्र देव, जो अपने ही कार्य में, बेहद मगन थे, गायब सिंह के मुंह से, ऐसी आवाज सुनकर ,तिरछी नजरों से उसे देखते हैं,

 

 

 

 

 

हवलदार गायब सिंह ,”सुन बे तांत्रिक, बंद कर तेरा यह ढकोसला ,बहुत देर से देख रहा हूं मैं “,और उसकी आंखें बेहद खतरनाक भाव में ,बदलने लगी थी, उसकी गर्दन ,एक तरफ को मोड़ रही थी, और उसके चेहरे पर एक हिंसक तनाव आने लगा था,”

 

 

 

 

 

तांत्रिक चित्र देवा ,”इसे क्या हुआ, अच्छा भला तो बैठा था, इस पर किस ने, अपनी शक्ति का प्रयोग कर दिया,”

 

 

 

 

 

हवलदार गायब सिंह,” मैं क्या बोल रहा हूं तांत्रिक, तेरी समझ में नहीं आ रही,”, और उठकर ,वहां पड़े सामान को हवन कुंड में झोंक देता है,

 

 

 

 

 

और फिर, एक तरफ से, पानी का घड़ा उठाकर हवन कुंड में पलट देता है,

 

 

 

 

 

तांत्रिक चित्र देव,” यह क्या कर रहा है, शांत हो जा, कौन है तू ,कौन सी शक्ति है तेरे अंदर ,बता मुझे ,वरना मैं तुझे अभी यही हमेशा के लिए दफन कर दूंगा “,और अपने पास पड़े कमंडल से ,पानी लेकर कुछ मंत्र पड़ता है, और हवलदार के ऊपर फेंक मारता है,

 

 

 

 

 

हवलदार गायब सिंह ,का जिस्म एकदम से झटके खाने लगता है, और वह पीछे को जा गिरता है,

 

 

 

 

 

तांत्रिक चित्र देव,” कौन है तू ,जो भी है ,मेरे सामने आ जा, वरना और फिर से”, ,वह अपने हाथ में जल लेता है ,और मंत्र बोलकर ,फिर से गायब सिंह के ऊपर डाल देता है,

 

 

 

 

 

पर अभी, गायब सिंह कुछ बोलता, उससे पहले ही खिड़की पर बैठी उस चिड़िया की तेज आवाज, उस कक्ष में हलचल मचा देती हैं ,ऐसा लग रहा था ,जैसे चूड़ियों की खनक वहां गूंज रही हो, पायल का शोर वहां मच गया हो,

 

 

 

 

 

तांत्रिक चित्र देवता, ध्यान उस तरफ जाता है ,और वहां खिड़की पर बैठी उस छोटी सी चिड़िया को देखकर, थोड़ा आश्चर्य में आ जाता है,

 

 

 

 

 

 

 

चुड़ैल चिड़िया,”, ऐसे क्या देख रहा है मुझे तांत्रिक,”

 

 

 

 

 

तांत्रिक चित्र देव ,”कौन है तू, जो भी है, अपने वास्तविक रूप में आ,इस तरह का छल कपट ,अगर तू करेगी ,तो फिर मुझे अपनी शक्ति का प्रयोग करना होगा ,”,और अपने हाथ को उसकी तरफ उठाता है,

 

 

 

 

 

चुड़ैल चिड़िया, फ़ौरन पीछे को उड़ जाती है,

 

 

 

 

 

तांत्रिक चित्र देव ,”भाग गई ,पर यह थी कौन, समझ में नहीं आया, और फिर एक लंबी सांस लेता है, क्या, क्या चल रहा है ,इस महल के अंदर ,अब मुझे सब समझना पड़ेगा ,कहीं ऐसा ना हो कि, मैं खुद ही, किसी झमेले में फंस जाऊं,”

 

 

 

 

 

और फिर, एक तरफ पड़े हवलदार की तरफ देखता है, हवलदार अब एकदम ठीक लग रहा था ,वह अपने हाथों से अपना सिर पकड़े बैठा था,

 

 

 

 

 

हवलदार गायब सिंह,” यह मुझे क्या हो गया था, ऐसा लगा, किसी ने मेरे सिर पर, कब्जा कर लिया, अब बड़ी राहत मिल रही है,”

 

 

 

 

 

तांत्रिक चित्र देव,” तभी तो मैंने तुम्हें अपने वश में किया हुआ था, ताकि तुम पर कोई अपना तंत्र ना चला सके,” और फिर एक तरफ से ,अपने थैले से एक काली रस्सी निकालता है, और उस पर ,एक एक करके कई गांठ लगाता है ,मंत्र बोलते, और फिर उसे हवलदार के गले में बांध देता है,

 

 

 

 

 

हवलदार,” अब इस रस्सी से क्या होगा, मैं क्या कोई भैंस हूं ,जो इतनी मोटी, रस्सी मेरे गले में पहना दी है,”

 

 

 

 

 

 

 

तांत्रिक चित्र देव ,”चुपचाप इसे पहने रखो ,वरना अगली बार, तुम्हें कोई वास्तव में ,शैतान बना देगा, और फिर मैं तुम्हें बचा भी नहीं पाऊंगा,”

 

 

 

“उधर देखो, तुमने मेरे तांत्रिक हवन का ,क्या हाल किया है, अब फिर से ,सब तैयारी करनी होगी” ,और उस तरफ चल देता हैं,

 

 

 

 

 

दूसरी तरफ,

 

 

 

 

 

बलवान घोड़े को भगाता हुआ, सरोवर के पास आ चुका था, और सरोवर से पहले ही ,उसे वह दैत्य सिंबा नजर आ जाता है, जो इस वक्त आराम से ,बैठकर एक हिरण को खा रहा था,

 

 

 

 

 

बलवान ,”इसका मतलब, इसकी तपस्या, वास्तव में ही भंग हो गई है, पर यह हुआ कैसे ,मुझे इससे जानना होगा”, और वह उसी के पास जा पहुंचता है,

 

 

 

 

 

दैत्य सिंबा, बलवान को वहां आया, देखकर थोड़ा अजीब सा मुंह बनाता है , और फिर अपने खाने में लग जाता है,

 

 

 

 

 

बलवान ,”यह मैं क्या देख रहा हूं सिंबा ,तुम्हारी तपस्या भंग कैसे हो गई ,तुम्हें तो अमावस्या तक, मंत्रों का जाप करना था,”

 

 

 

दैत्य सिंबा ,”अब तुम्हें क्या बताऊं ,एक पहुंचे हुए तांत्रिक ने, मेरी तपस्या भंग कर दी है, मुझे तो लगा था, इस साम्राज्य में कोई भी तांत्रिक नहीं होगा, जो मेरी तपस्या भंग कर सकता है, पर जाने वह तांत्रिक कहां से आ गया था,”

 

 

 

 

 

 

बलवान ,”क्या कह रहे हो ,उन तांत्रिक ने, तुमको देखा तो वह भस्म में नहीं हुए, तुम्हें तो यह वरदान मिला हुआ है, कि जब भी तुम तो तपस्या करने बैठोगे ,और तुम्हें जो भी इंसान देखेगा, वह भस्म हो जाएगा ,फिर यह कैसे मुमकिन है, कि कोई तांत्रिक तुम्हें देखें, और जिंदा बच जाए,”

 

 

 

 

 

दैत्य सिंबा ,”अब यह तो मेरे लिए भी एक पहेली है, जहां तक मुझे लगता है ,उसकी तंत्र शक्तियो ने, उसे बचा लिया होगा, क्योंकि वह भी मेरी तरह ही, दुष्ट प्रवृत्ति का होगा, इसलिए हम दोनों की काली शक्तियां, एक दूसरे को पसंद करने लगी होगी ,इसलिए वह नष्ट नहीं हुआ होगा,”

 

 

 

बलवान ,”अब तो फिर, तुम अगले महीने से तपस्या शुरू करोगे,”

 

 

 

 

 

दैत्य सिंबा,” इस बात को छोड़ो ,तुम यह बताओ, तुम्हारे जो आदमी चोटी लेने गए थे ,उनका क्या हुआ ,क्या अभी तक लौट कर वापस नहीं आए,”

 

 

 

 

 

बलवान,” वे अपना काम कर रहे हैं ,बहुत जल्द उन्हें सफलता मिल जाएगी ,पर अब तुम तो तपस्या ही नहीं कर रहे हो ,इससे तो हमारा ही नुकसान होगा,”

 

 

 

 

 

दैत्य सिंबा,” देखो बलवान ,मुझे जिस ऋषि ने श्राप दिया था, मैंने उसके पूरे परिवार को मारकर खा लिया, पर उस ऋषि ने जाते-जाते, मुझे इस सरोवर के आसपास के जंगल तक ही सीमित कर दिया, मेरे जागने के बावजूद भी, पर वह चोटी अगर मैं पहन लूं, एक माह की तपस्या के बाद, तो मैं बाहर जा सकता हूं,”

 

 

 

 

 

बलवान ,”हां मुझे मालूम है ,तभी तो मैं तुम्हारे लिए चोटी का बंदोबस्त कर रहा हूं,”

 

 

 

 

 

दैत्य सिंबा ,”पर तुम्हारी भी तो एक शर्त है कि, तुम चोटी मुझे तभी पहनाओगे ,जब मैं तुम्हारी गुलामी स्वीकार कर लूंगा, और एक बार मैंने ,तुम्हारा वचन मान लिया है, तो आप मुझे हमेशा उसका पालन करना होगा, पर तुम्हें भी अपना वचन निभाना होगा, मुझे चोटिला कर देनी ,हीं होगी और अगर तुम ऐसा नहीं कर पाए तो ,मैं तुम्हें मार कर खा जाऊंगा,”

 

 

 

 

 

 

 

बलवान ,”चोटी तो मैं तुम्हें लाकर दे दूंगा ,पर तुम तपस्या तो करो ,अब अगले महीने अमावस्या से तुम्हारी तपस्या नए सिरे से शुरू होगी ,और उससे अगले महीने अमावस्या तक जाएगी, अभी तो हमारे पास बहुत ज्यादा वक्त है, समझे तुम,”

 

 

 

 

 

बलवान, का मूड बिल्कुल खराब हो चुका था, और उसका मन गुस्से से उबलने लगा था,” अच्छा यह बताओ ,तुम्हारी तपस्या, तांत्रिक चित्र देवा और उसके शिष्य ने हीं भंग की है,”

 

 

 

 

 

दैत्य सिंबा ,मासूम बनते हुए,” हां उन दोनों ने ही मुझे तपस्या से उठाया है ,और फिर दोनों यहां से भाग गए हैं, बोल रहे थे, हम राजमहल जा रहे हैं ,राजकुमारी की चोटी हासिल करने, और फिर मुझे ,अपना गुलाम बनाएंगे, ऐसा बोल रहे थे,”

 

 

 

 

 

बलवान ,”क्या कहा ,वे दोनों की राज महल की तरफ गए हैं ,फिर तो वहां मेरे द्वारा भेजे गए ,लोगों के ऊपर संकट आ जाएगा, क्योंकि वह तो बिल्कुल भी तंत्र विद्या नहीं जानते हैं ,तांत्रिक चित्र देव तो, उन तीनों को कबूतर बनाकर उड़ा देगा,”

 

 

 

 

 

दैत्य सिंबा,” तो फिर तुम एक काम करो “,तुम खुद राजमहल चले जाओ ,मैं तुम्हें थोड़ी सी शक्तियां दे देता हूं, थोड़ी तांत्रिक शक्तियां तो तुम्हारे पास है ही, तुम वहां से राजकुमारी की चोटी काट कर ले आना,”

 

 

 

 

 

बलवान ,कुछ सोचता है ,”नहीं, मैं राज महल में प्रवेश नहीं कर सकता ,यह बहुत ही खतरनाक काम है,”

 

 

 

 

 

 

 

 

 

दैत्य सिंबा ,”जैसी तुम्हारी मर्जी, मैं तो तुम्हें अपनी काली शक्तियां प्रदान कर रहा था, जिनके बल पर तुम कुछ भी कर सकते थे ,पर चलो ,कोई बात नहीं ,अगर तुम्हारी जाने की इच्छा नहीं है तो ,”,और उसे अपनी काली शक्तियों का लालच दिखाता है,

 

 

 

 

 

बलवान, दैत्य सिंबा की बात सुनकर, अपने पिता की बात याद करने लगता है ,जब उसके पिता ने उससे कहा था कि, कभी भी कोई तुम्हें अपनी शक्तियां देने की कोशिश करें तो, मत लेना, क्योंकि वह तुम्हारे दिमाग में अपना कब्जा जमा सकता है ,और तुमसे मनचाहा काम करवा सकता है, और उसे अपने पिता की बात याद आते ही, वह मुस्कुरा कर रह गया था,

 

 

 

 

 

दैत्य सिंबा ,”क्या हुआ, मुस्कुरा क्यों रहे हो ,बोलो, तुम्हें अभी शक्तियां प्रदान करूं या नहीं,”

 

 

 

 

 

बलवान ,”मुझे मेरे आदमियों पर पूरा भरोसा है, वे बहुत जल्द चोटी काट कर ले आएंगे ,समझे तुम, और अब तुम्हें ऐसे वन में मत घूमो, वापस अपने महल में चले जाओ,”

 

 

 

दैत्य सिंबा ,”तुमने मुझे इतने वर्षों बाद जगा दिया है, अब मैं वापस सरोवर के बीच में बने ,टापू में नहीं जाने वाला, अब मैं इस वन में ही रहूंगा, और यहां आने वाले हर व्यक्ति का शिकार करूंगा,”

 

 

 

 

 

बलवान ,”मैं तो तुम्हारे भले के लिए कह रहा था, वरना कोई ऋषि यहां से गुजरा ,और उसने तुम्हें देख लिया तो, फिर से तुम्हारी शामत आ जाएगी ,कहीं वह तुम्हें फिर से कोई बड़ा श्राप ना दे जाए,”

 

 

 

 

 

दैत्य सिंबा,” यह बात तो तुम्हारी उचित है, मैं अभी सरोवर में चला जाता हूं ,और तेजी से सरोवर की तरफ भाग जाता है ,ऐसा लग रहा था, जैसे उसने ,अपने पीछे किसी ऋषि को आता देख लिया हो,

 

 

 

 

 

बलवान ,”,दूध का जला, छाछ भी फूंक- फूंक कर पीता है इसकी भी वही हालत है ,चलो अब मेरा यह काम तो लंबा खिंच गया,”

 

 

 

 

 

बलवान ,अपने घोड़े पर बैठता है ,और उस वन से निकल जाता है,

 

 

 

 

 

दूसरी तरफ,

 

 

 

 

 

राजकुमारी शिल्पा ,और उसकी सखी सुजाता, अपने वस्त्र दिखाकर महाराज के कक्ष से वापस बाहर आ गई थी, और उन्हें कुछ ही दूरी पर, राजकुमार नूरा और सूरा खड़े दिखाई दे जाते हैं,

 

 

 

 

 

सखी ,”देखिए राजकुमारी ,कितने बेशर्म है दोनों, हमारा ही आने का इंतजार कर रहे थे ,चलो आज इन को थोड़ा सबक सिखा दिया जाए ,अब हमारे पास हमारे रक्षक तांत्रिक चित्र देव जो है,”

 

 

 

 

 

 

 

राजकुमारी शिल्पा ,”नहीं रहने दो ,आओ चलो,” और दोनों तेजी से ,उन दोनों के पास से निकलने वाली होती है, कि राजकुमार नूरा ,उनके सामने अपना हाथ कर देता है ,और उन दोनों को रोकना पड़ जाता है,

 

 

 

 

 

राजकुमारी शिल्पा ,”यह कैसी हरकत है आपकी राजकुमार ,आप हमारा रास्ता क्यों रोक रहे हैं,”

 

 

 

 

 

 

 

राजकुमार नूरा ,”मुझे आपसे कुछ बात करनी है, मैं हैरान हूं ,आपका व्यवहार देखकर ,आखिर हमने क्या अपराध किया है, ऐसा ,जो आप हमारे से सीधा मुंह बात नहीं कर रही ,अगर ऐसा है तो ,हमें आप ने रोका ही क्यों, हम तो उस दिन बगीचे से ही यहां से चले जाते, और अब आपका व्यवहार देखकर, हमें बहुत अपमानित सा अनुभव हो रहा है,”

 

 

 

 

 

 

 

सूरा ,”जी राजकुमारी जी ,क्या आपके साथ कुछ अप्रिय घटना हुई है, क्योंकि हमारे साथ भी, एक अप्रिय घटना घटी थी ,जिसमे आप की हमशक्ल राजकुमारी और सुजाता की हमशक्ल ,हमारे कक्ष में आ गई थी ,और हमारे साथ रात बिताने का आग्रह कर रही थी,”

 

 

 

 

 

 

 

राजकुमारी शिल्पा ,”क्या कहा ,हम कुछ समझे नहीं, क्या हमारी हमशक्ल आपके कमरे में आ गए थे ,आप हमारे साथ उपहास कर रहे हैं,”

 

 

 

 

 

राजकुमार नूरा ,गंभीर मुद्रा में ,”नहीं राजकुमारी जी ,यह सत्य कह रहा है ,पर जब मैंने अपनी तलवार निकाली तो, वह दोनों काली माया गायब हो गई ,क्योंकि मुझे अंदाजा हो गया था कि ,हमारी राजकुमारी शिल्पा तो बेहद सुसंस्कार वाली कन्या है ,वह ऐसी अभद्रता नहीं कर सकती हैं, यह जरूर काली शक्तियों से बनी हुई ,कोई युवतियां है,

 

 

 

 

 

सुरा ,”और फिर हमारे राजकुमार ने ,जो तलवार चलाई,” और अपने हाथ को इधर-उधर घूमाता है, वैसे ही दोनों की दोनों ,गायब हो गई ,बस हम सब माजरा समझ गए, राजकुमारी जी,”

 

 

 

 

 

राजकुमार नूरा ,”क्या आपके साथ भी ऐसा ही कुछ घटा था, क्योंकि आपके व्यवहार से मुझे ऐसा ही प्रतीत हो रहा है,”

 

 

 

 

 

सखी सुजाता ,”जी हां ,राजकुमार ,हमारे साथ ऐसा ही हुआ था ,आपके जैसे ही दो युवकों ने ,हमें गलियारे में रोक लिया था ,और हमारे साथ बुरा आचरण करने का साहस किया था, हमें तो लगा वे आप दोनों ही हैं ,क्योंकि हमारे पास तो आपकी तरह कोई शक्ति है नहीं, कि हम पहचान जाएं,”

 

 

 

 

 

राजकुमारी शिल्पा ,”हमें माफ कर दीजिए ,राजकुमार हमारे मन में आप लोगों के प्रति ,जाने क्या- क्या भाव पैदा हो गए,”

 

 

 

राजकुमार नूरा ,के मन में लड्डू फूटने लगे थे, क्योंकि वह सही समय ,पर समझ गया था, चुड़ैल चिड़िया का सारा खेल ,

 

 

 

 

 

सुरा ,”तो राजकुमारी जी ,अब क्या विचार हैं ,अब हम दोनों बिल्कुल वास्तविक हैं ,और अब हमने एक योजना बनाई है ,क्या आप हमारी योजना में शामिल होना चाहेंगी,”

 

 

 

 

 

राजकुमारी शिल्पा ,कैसी योजना, और उसकी तरफ बड़े गौर से देखती हैं,

 

 

 

 

 

राजकुमार नूरा ,”यह देखिए राजकुमारी जी ,मेरी इस उंगली में काला धागा बंधा है, इसका मतलब है कि, मैं वास्तविक राजकुमार हूं ,और ऐसा ही धागा इस सुरा की उंगली पर भी बंदा है,”

 

 

 

 

 

“और अब हम आपकी उंगली पर भी ,ऐसा ही धागा बांध देंगे, ताकि हमें पता रह सके कि ,आप वास्तविक हैं ,लाइए अपना हाथ आगे कीजिए,”

 

 

 

 

 

राजकुमारी शिल्पा ,और उसकी सखी सुजाता अपना हाथ आगे कर देती हैं ,और राजकुमार उन दोनों की उंगली पर, काला धागा बांध देता है,

 

 

 

 

 

सूरा,” अब हम आप दोनों को ,आसानी से पहचान सकते हैं, कोई भी आकर हमें धोखा नहीं दे सकता है,”

 

 

 

 

 

 

 

राजकुमारी शिल्पा,” हमें तो अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है ,हमारे साथ इतना बड़ा छल हो गया ,और हमें पता भी नहीं लगा ,हम आप दोनों के बहुत दोषी हैं ,आप हमें मन से क्षमा कर दीजिए,”

 

 

 

 

 

राजकुमार नूरा ,” आपको माफी मांगने की कोई आवश्यकता नहीं है राजकुमारी जी ,क्योंकि आपने कोई गलती नहीं की है, आप तो भ्रमित हो गई थी,”

 

 

 

 

 

राजकुमारी शिल्पा,” नहीं राजकुमार ,हमारा दोष है ,आप लोगों ने हमेशा, हमारी रक्षा की है ,उसके बावजूद भी हम आप पर भरोसा नहीं कर सके, और हम समझ नहीं पाए, कि आप लोग ऐसी कोई हरकत कर ही नहीं सकते हैं ,पर जाने क्यों, हम आप लोगों को दोषी मान बैठे,

 

 

 

” हमने अपना दिमाग लगाया ही नहीं कि ,जबकि हमें मालूम था, कि हमारे महल में काली शक्तियां , अपना प्रभाव दिखा रही हैं,

 

 

 

“और शायद आप लोग हमारी मदद कर रहे हैं ,इसलिए काली शक्तिया अब आपको अपना शिकार बनाना चाहती हैं,”

 

 

 

 

 

सखी,” और राजकुमारी जी ,शायद काली शक्तियों यही चाहती होंगी कि, हम इन दोनों पर बहुत नाराज हो जाएं, और इन दोनों को मृत्युदंड दे दें ,क्योंकि यह दोनों हमारी रक्षा कर रहे हैं ,हमारे राज महल की रक्षा कर रहे हैं,”

 

 

 

 

 

 

 

सुरा ,”आपने बिल्कुल ठीक अंदाजा लगाया है ,ऐसा ही होगा, पर आगे से ,अब हमें सावधान रहना होगा ,और ऐसे समय में सोच विचार कर ही, कदम उठाना होगा, वरना कहीं धोखे से हम अपने ही लोगों को चोट ना पहुंचा दे,उन्हें नुकसान ना पहुंचा दें,”

 

 

 

 

 

राजकुमारी शिल्पा ,”ठीक है ,हम आगे से सोच विचार कर ही काम करेंगे ,”और अब उसके होठों पर गहरी मुस्कान आ गई थी,

 

 

 

 

 

राजकुमार नूरा,” अब सब सच्चाई आपको पता लग गई हैं, अब हम आपसे कुछ पूछे तो, आप उसका सही जवाब देंगे या नहीं ,”और अपनी आंखों में राजकुमारी के लिए प्रेम के भाव ले आता है,

 

 

 

 

 

राजकुमारी शिल्पा ,”हम जानते हैं राजकुमार, आप क्या कहना चाहते हैं,आप यही पूछना चाहते हैं ना कि ,क्या अब मैं आपके साथ, विवाह कर सकती हूं या नहीं,”

 

 

 

 

 

राजकुमार नूरा ,”जी राजकुमारी जी ,क्या आप मुझसे विवाह करना चाहेंगी या नहीं ,”,और उसकी आंखों में देखता है,

 

 

 

 

 

राजकुमारी शिल्पा, थोड़ा शर्माते हुए ,”जी हां ,हम आपके साथ विवाह करने के लिए तैयार हैं,”

 

 

 

 

 

सुरा ,”और आप सुजाता जी ,क्या आप मुझसे विवाह करेंगे या नहीं,”

 

 

 

सखी सुजाता,” नहीं छोटे राजकुमार ,मैं किसी और को पसंद करती हूं, इसलिए मेरी तरफ से” ना” ही हैं,”

 

 

 

 

 

राजकुमार नूरा ,”कोई बात नहीं सखी ,और तुम सुरा अब सुजाता को परेशान मत करना, अगर ऐसा हुआ तो, मुझसे बुरा और कोई नहीं होगा,”

 

 

 

 

 

सुरा ,राजकुमार को तिरछी नजरों से देखता है ,और मन ही मन में ,अपने गुरु को गालियां देने लगता है,

 

 

 

 

 

 

 

राजकुमार नूरा ,”राजकुमारी जी, हम दोनों यहां से पूरब में एक बहुत ही अद्भुत मंदिर है, वहां जा रहे हैं, क्या आप भी हमारे साथ चलेंगे, हम अभी वहां के लिए निकल रहे हैं,”

 

 

 

 

 

राजकुमारी नूरा ,”हां “क्यों नहीं ,मैं अभी सेनापति को मेरे चलने की व्यवस्था करने के लिए आदेश देती हूं,”

 

 

 

 

 

राजकुमार नूरा ,”पर राजकुमारी जी, मंदिर के लिए प्रस्थान करते वक्त ,हम सब अपना चेहरा ढक कर चलेंगे ,ताकि कोई हमें पहचान ना सके,”

 

 

 

 

 

राजकुमारी शिल्पा ,”पर ऐसा क्यों राजकुमार ,हमारी प्रजा भी हमारे दर्शन कर लेगी ,और हमें ढेरों आशीर्वाद देगी,”

 

 

 

 

 

 

 

राजकुमार नूरा ,”पर राजकुमारी जी, अभी काली शक्तियों का संकट टला नहीं है ,और मैं नहीं चाहता हूं कि, इस बार कोई हमें पहचाने ,बल्कि मैं तो कहता हूं, हमें तो बेहद गुप्त तरीके से मंदिर में माता के दर्शन करने चले जाना चाहिए, वही ज्यादा अच्छा रहेगा, हम एक-दो दिन में लौट आएंगे,”

 

 

 

 

 

 

 

राजकुमारी शिल्पा ,अब कुछ सोचने लगी थी,

 

 

 

सुरा ,”अरे राजकुमारी जी, क्या सोच रहे हो, या आपको हमारे राजकुमार की तलवार पर भरोसा नहीं है ,आप बेफिक्र होकर हमारे साथ चलिए, हम चारों दर्शन करके लौट आएंगे, राजकुमार को अपनी शक्तियां सिद्ध करनी है, इसलिए हमारा जाना तो जरूरी है ,आप भी साथ चलेंगी तो, हमारी यात्रा और भी शुभ हो जाएगी,”

 

 

 

 

 

राजकुमारी शिल्पा,” तो ठीक है ,आओ ,हम सभी पिता जी महाराज से इजाजत ले लेते हैं,”

 

 

 

 

 

राजकुमार नूरा, ,”हां हां ,चलो वे बिल्कुल भी इनकार नहीं करेंगे ,”,और फिर वह दोबारा से ,महाराज नरवीर के कक्ष में दाखिल हो जाते हैं,

 

 

 

 

 

 

 

राजा नरवीर ,उन सभी को साथ आता देखकर ,अचंभित हो गए थे ,उन्हें तो विश्वास ही नहीं हो रहा था ,राजकुमारी शिल्पा पर ,कि वे राजकुमार के साथ यहां आ जाएंगी,

 

 

 

 

 

 

 

राजा नरवीर ,”क्या हुआ राजकुमारी, आप चारों एक साथ ,क्या कोई समस्या है,”

 

 

 

 

 

सूरा ,”नहीं महाराज ,समस्या तो अब दूर हो गई है, अब तो खुशी मनाने के दिन आ गए हैं, ढोल नगाड़े बजाने का समय आने वाला है ,राजकुमारी ने हमारे राजकुमार का, हाथ थामने का मन बना लिया है,”

 

 

 

 

 

राजा नरवीर ,एकदम से खुश हो जाते हैं और ,उनके चेहरे की रंगत बढ़ जाती है ,”यह मैं क्या सुन रहा हूं राजकुमारी, क्या यह सत्य है ,तुम इस विवाह के लिए राजी हो गई हो,”

 

 

 

 

 

राजकुमारी शिल्पा ,”जी पिताजी “और शर्मा कर अपना चेहरा झुका लेती है,

 

 

 

 

 

क्रमशः

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