एक रहस्यमई युद्ध – 30

एक रहस्यमई युद्ध

Chapter – 30: चुड़ैल का खेल

रात आधी बीत चुकी थी, इस वक्त रात का 1:00 बज रहा था,

 

 

 

राजमहल के, एक तहखाने में, तांत्रिक चित्र देव ,अपनी तांत्रिक साधना में लगा हुआ था, और एक तरफ हवलदार गायब सिंह ,बैठा उसे देख रहा था,

 

 

 

 

 

तांत्रिक चित्र देव ,अब अपनी आंखें खोल देता है ,और उससे चेहरे पर, एक तेज चमक आने लगी थी,

 

 

 

 

 

गायब सिंह ,”काम हो गया बाबा ,पता लगा ,राज महल में कहां पर है ,हमारे समय काल में जाने का रास्ता,” और उसकी तरफ जिज्ञासा से देखता है,

 

 

 

 

 

तांत्रिक चित्र देव ,”अभी यह बताने का समय नहीं आया हैं, चलो, अब हमें इस राज महल से, बाहर निकल जाना है,”

 

 

 

 

 

गायब सिंह ,”क्या कहा बाबा, इस वक्त हम राजमहल से बाहर निकल जाएंगे ,इतनी रात में ,जाकर क्या मिलेगा हमें, हम सुबह जाएंगे,”

 

 

 

 

 

तांत्रिक चित्र देव ,हवन कुंड के ऊपर, अपने हाथों को घुमाना शुरू करता है, और इसी के साथ ,एक गोल घेरा प्रगट हो जाता है ,

 

 

 

 

 

गायब सिंह ,”अब यह क्या चमत्कार है ,यह किस काम आएगा,”

 

 

 

 

 

तांत्रिक चित्र देव ,”इस महल से बाहर भागने के काम आएगा ,क्योंकि अब मेरी काली शक्ति ,जाकर राजकुमारी की चोटी काट कर ले आएगी ,यहां मेरे पास ,और उसके बाद, हम इस घेरे के अंदर चले जाएंगे ,और यहां से बहुत दूर निकल जाएंगे,”‘

 

 

 

 

 

तांत्रिक चित्र देवा , अग्नि कुंड की अग्नि को ,अपने हाथों से पकड़ लेता है ,और ,”जा मेरा आदेश है, राजकुमारी के कक्ष से ,राजकुमारी की चोटी काट कर लें आ,”

 

 

 

 

 

 

 

अग्नि की, लपट तेजी से आगे बढ़ जाती है ,और कुछ ही समय बाद ,वह वापस लौट आती है ,पर अपने साथ, वह चोटी को लेकर नहीं आई थी,

 

 

 

 

 

 

 

तांत्रिक चित्र देवा, हैरान रह जाता है,” क्या हुआ, तू खाली हाथ कैसे लौट आई ,चोटी कहां है,”

 

 

 

 

 

तिलिस्मी अग्नि ,”राजकुमारी अपने कक्ष में ही नहीं है, मैंने उसका कक्ष और पूरा महल देख डाला है,”

 

 

 

 

 

तांत्रिक चित्र देवा,” क्या कहा राजकुमारी, महल में नहीं हैं,”, और फिर अपनी दोनों आंखें बंद करके, मंत्रों का उच्चारण करने लगता है, और फिर उसका मस्तक ,उसे राजकुमारी के दर्शन करा देता है ,जो रथ पर बैठी ,राज महल से दूर जाती दिखाई दे रही थी,

 

 

 

“यह तो गजब हो गया, मैं जिस काम के लिए ,इतनी दूर आया, राजकुमारी खुद ही ,सिंबा वन की तरफ बढ़ रही है, पर किसके साथ, मेरी काली शक्ति ,मुझे दिखा नहीं रही है, कि वह किसके साथ हैं,

 

 

 

“इसका मतलब तो यही हुआ की, राजकुमारी को भी कोई, काली शक्ति ही ,यहां से खींच कर ले गई है, मुझे राजकुमारी के पीछे ,जाना ही होगा,”

 

 

 

 

 

फिर, वह वहां घूम रहे ,उस गोले के अंदर समा जाता है ,और गायब सिंह भी, तेजी से अंदर जंप कर गया था,

 

 

 

और जब वे ,दोनों बाहर निकले तो ,इस वक्त राजमहल से बाहर ही निकले थे,

 

 

 

 

 

तांत्रिक चित्र देवा,” मेरे हाथ में आया हुआ मौका ,मेरे हाथ से निकल गया ,किसने मेरे काम में टांग अड़ाने की कोशिश की है, कुछ समझ नहीं आ रहा है,”

 

 

 

 

 

तांत्रिक चित्र देवा ,की सारी मेहनत पानी में मिल गई थी, ठीक वैसे ही, जैसे काली शक्तियों के ,दैत्य सिंबा की, मेहनत पानी में मिली गई थीं, जब उसने, तांत्रिक चित्र देवा को ,अपने बस में करने की कोशिश की थी,

 

 

 

 

 

दूसरी तरफ, इस वक्त,

 

 

 

 

 

अमर ,”अबे सोते रहोगे, चलो उठो ,हमें अपना काम करना है, और यहां से निकलना है ,अब जो होगा, देखा जाएगा,”

 

 

 

विजय और दरोगा सौरभ, फौरन उठ कर ,बैठ जाते हैं,

 

 

 

 

 

अमर ,”तुम दोनों मेरी बताई जगह पर ,जाकर रस्सी राजमहल की दीवार के ,बाहर खड़े ,पेड़ पर फंसाने की कोशिश करो ,तब तक मैं राजकुमारी की चोटी काट कर ले आता हूं,”

 

 

 

 

 

विजय,” तुम यह काम कर तो लोगे ना, कहीं हम दीवार से बाहर निकल जाए ,और तुम यहां पकड़े जाओ,”

 

 

 

 

 

अमर ,”तुम मेरी चिंता मत करो, मैं यूं गया और यूं आया, बस तुम लोग अपना काम पूरा रखना ,कहीं ऐसा ना हो कि, हम दीवार से बाहर ही ना निकल पाए,”

 

 

 

 

 

दरोगा सौरभ,” मेरा बनाया यह हुक, एक बार में बाहर पेड़ में फंस जाएगा ,बस तुम अपना काम निपटा कर आ जाना,”

 

 

 

 

 

अमर,” ठीक है “और फिर वह तेजी से कमरे से निकल जाता है ,और अपने आप को छुपाता हुआ, गलियारे के झरोखे से ,नीचे उतर जाता है,

 

 

 

और फिर वहां से, राजकुमारी की झरोखे के, नीचे जाकर ,ऊपर एक हुक फेंकता है ,और एक ही बार में ,वह वहां अटक गया था, अमर तेजी से ऊपर चढ़ना शुरू कर देता है ,और कुछ ही सेकंड में कक्ष के अंदर था,

 

 

 

 

 

अमर ,”अरे यहां तो कोई भी नहीं हैं, पलंग तो बिल्कुल खाली है ,”,और फिर वह अपने आप को छुपाता हुआ, कमरे का निरीक्षण करने लगता है ,पर उसे राजकुमारी कहीं भी दिखाई नहीं देती,

 

 

 

 

 

“अब यह कहां चली गई ,वह भी इतनी आधी रात को”, और फिर कुछ सोचते हुए,” कहीं ऐसा तो नहीं, राजकुमारी की सुरक्षा के लिए ,उसे किसी अन्य कक्ष में सुला दिया गया हो, हमने तो इस बारे में ,सोचा ही नहीं, राजकुमारी की सुरक्षा के लिए ,शायद ऐसा ही किया गया होगा, फिर तो हमारा सारा प्लान ,चौपट हो गया ,मुझे जल्दी से ,यहां से निकलना होगा,”

 

 

 

 

 

 

 

और फिर ,वह अपनी खिड़की पर अटके, हुक को नीचे फेंक देता है ,और बिना किसी सहारे के, नीचे उतर जाता है ,फिर वहां से वह सीधा ,उस जगह पहुंचता है ,जहां विजय और सौरव उसका इंतजार कर रहे थे,

 

 

 

और ,अमर को आता देखकर ,वे दोनों फौरन रस्सी पर चढ़कर दीवार पार कर गए थे ,ताकि समय बर्बाद ना हो,

 

 

 

 

 

 

 

अमर ,”यह तो एक और समस्या हो गई ,अभी मुझे भी दीवार के पार जाकर ,इन दोनों को समझाना पड़ेगा,”

 

 

 

 

 

 

 

और फिर ,वह भी दीवार के पार उतर जाता है, जहां उसके दोनों साथी, उसका इंतजार कर रहे थे,

 

 

 

 

 

विजय ,”ले आए तुम चोटी ,चलो अब यहां से फटाफट निकल चलते हैं,”

 

 

 

 

 

अमर,” अरे यारों ,पहले बात तो सुन लो, मुझे चोटी नहीं मिली है,” और अपने कमर पर ,हाथ रख कर खड़ा हो जाता है,

 

 

 

 

 

विजय और दरोगा ,उसके मुंह की तरफ देखने लगते हैं,

 

 

 

 

 

सौरभ ,”क्या कह रहे हो ,चोटी नहीं मिली ,क्यों, राजकुमारी अपने कक्ष में नहीं थी ,या फिर, किसी और ने, उसकी चोटी पहले ही काट ली,”

 

 

 

 

 

 

 

अमर ,”अरे यार ,मुझे लगता है ,राजकुमारी की सुरक्षा के लिए ,राजकुमारी को किसी ,अन्य कक्ष में सुलाया गया है, ताकि वह सुरक्षित रहें ,और हम तीनों ने ,सबसे बड़ी बेवकूफी कर दी हैं ,यह सोच कर कि, राजकुमारी के सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया गया होगा,

 

 

 

” हमें तो यह बात पहले ही सोच लेनी चाहिए थी कि ,जब राज महल पर ,इतने हमले हो रहे हैं तो ,राजकुमारी की सुरक्षा का, इंतजाम भी ,पक्का किया गया होगा,”

 

 

 

 

 

,और फिर ,अपनी इस बेवकूफी पर ,तीनों ही बेहद परेशान हो उठते हैं,

 

 

 

विजय ,”तो अब क्या करें, हम तो महल से बाहर खड़े हैं, चलो अब, अंदर चल पड़ते हैं,”

 

 

 

 

 

अमर ,”चलो फिर”

 

 

 

और फिर वे तीनों, रस्सी पकड़ कर दीवार पर चढ़ गए थे ,पर अब उनकी किस्मत खराब होने वाली थी ,क्योंकि एक सुरक्षाकर्मी की नजर, उन पर पड़ गई थी,

 

 

 

 

 

सैनिक ,”कौन है वहां ,”,और मैं भागता हुआ ,अपने कुछ सैनिकों के साथ ,वहां आ पहुंचा था,

 

 

 

 

 

सैनिक ,”तुम तीनों, यहां क्या कर रहे हो ,वह भी इतनी रात में, और यह तुमने क्या बना रखा है ,”

 

 

 

 

 

विजय ,के हाथ में ,कपड़े से बनी, रस्सी थी ,जैसे आजकल के समय में ,आर्मी के जवान इस्तेमाल करते हैं, दीवार पर चढ़ने के लिए,

 

 

 

 

 

रक्षक सैनिक, की बात सुनकर वे ,तीनों डरकर कांपने लगे थे,

 

 

 

अमर ,का दिमाग तेजी से चलता है और ,”अरे सैनिक जी, कुछ नहीं ,हम तो अपने नए कपड़े की बुनाई का काम कर रहे हैं ,यह कपड़ा ,ऐसी ही चांदनी रात में बुना जाता है, तभी इसमें चमक आती है ,पर आपने सारी गड़बड़ कर दी ,अब राजकुमारी हमें बहुत डांट लगाएंगी ,जब कल उन्हें यह कपड़ा तैयार नहीं मिलेगा,”

 

 

 

 

 

रक्षक सैनिक ,”क्या कहा ,तुम कपड़े बुन रहे हो, वह भी इस तरह दीवार पर चढ़कर, मुझे तो लग रहा है, तुम यहां से भागने का, क्या विचार बनाए हुए हो,”

 

 

 

 

 

विजय ,”क्या कह रहे हो ,हमें तो अभी हमारा मेहनताना भी नहीं मिला है, राजकुमारी को हमने ढेरों कपड़े बना कर दिए हैं ,हमें तो अभी ढेर सारी मुद्राएं मिलने वाली है, उसके बाद हम यहां से जाएंगे,”

 

 

 

 

 

 

 

 

 

दरोगा सौरभ ,”जानते हो आप सैनिक ,आपकी वजह से यह सारा कपड़ा खराब हो गया, क्योंकि यह कपड़ा गुप्त तरीके से ही बनाया जाना था ,और हम यहां गुप्त तरीके से इसे बना रहे थे ,और अब आप की नजर पड़ गई है, अब हमारा क्या होगा, हमारी सारी मेहनत पानी में मिल गई है,”

 

 

 

 

 

अमर, वहीं बैठ कर रोने लग जाता है,” अब राजकुमारी जी, हमें जेल में डाल देंगी ,क्योंकि हमने तो उनसे वादा किया था, कल दोपहर तक ,आपको यह वस्त्र तैयार करके दे देंगे ,पर आपकी वजह से, सब खराब हो गया, अब हम क्या करें,”

 

 

 

 

 

और अमर की, एक्टिंग देखकर, वे दोनों भी वैसा ही करने लगते हैं,

 

 

 

 

 

उन सैनिकों को ,समझ नहीं आता ,वह क्या कहें,

 

 

 

 

 

रक्षक सैनिक,” देखो हमें पता नहीं था ,और यह सब गलती से हो गया ,”

 

 

 

 

 

दूसरा सैनिक ,”तुम फिक्र मत करो ,अगर आज तुम्हारा यह वस्त्र नहीं बना है तो ,तुम कल रात बना लेना, हम तुम्हें एक बात बता देते हैं ,इसे सुनकर तुम खुश हो जाओगे,”

 

 

 

 

 

अमर ,”कैसी गुप्त बात ,कल जब हम मारे जाएंगे ,तब हमारे शव पर आकर, यह गुप्त बात बताना,”

 

 

 

 

 

रक्षक सैनिक,” अरे सुनो तो सही ,पर जो हम बता रहे हैं, यह बात अपने पास तक ही रखना ,अगर तुमने किसी और को बताया तो, फिर हम तुम तीनों को, इन्हीं तलवारों से काट डालेंगे ,समझ गए मेरी बात,”

 

 

 

 

 

विजय ,”ऐसी क्या बात है ,जिससे हमारी जान राजकुमारी से बच सकती हैं,”

 

 

 

 

 

रक्षक सैनिक ,”दरअसल राजकुमारी दो-तीन दिन के बाद ही राज महल में लौटेंगी, वे राजकुमार नूरा के साथ, जंगल में देवी दर्शन को गई है,”

 

 

 

 

 

और ,सैनिक की ,यह बात सुनते ही, तीनों के कान खड़े हो गए थे, अमर ,विजय तो जानते थे कि ,नूरा उनके समय का तांत्रिक हैं जो उन्हें जंगल में मिला था, जो उनके पीछे यहां गया था,

 

 

 

 

 

 

 

 

 

अमर,” क्या कहा राजकुमारी जी, जंगल में देवी दर्शन को चली गई है, राजकुमार नूरा के साथ ,और यह राजकुमार नूरा कौन है,”

 

 

 

 

 

सैनिक ,”राजकुमार नूरा ,बहुत ही शक्तिशाली राजकुमार है ,हमारे राज्य पर हमला करने वाली ,हर काली शक्ति को उन्होंने नष्ट किया है ,उनका मुकाबला कोई नहीं कर सकता, बहुत दूर से ,पृथ्वी भ्रमण करते हुए, हमारे राज्य में आए थे ,”

 

 

 

“और सुनने में आया है, बहुत जल्द राजकुमार नूरा हमारी राजकुमारी शिल्पा से ,विवाह करने वाले हैं, और अगर ऐसा हो गया तो, फिर हमारे राज्य के लोगों को ,किसी का डर नहीं रहेगा,”

 

 

 

 

 

 

 

विजय ,”फिर तो हमारी जान भी बच गई ,कल रात हम अवश्य इस वस्त्र को बना लेंगे, और हां, कल इस बात का तुम सभी ध्यान रखना ,कोई इस तरफ ना आने पाए, समझ गए,”

 

 

 

 

 

सैनिक,” जी ,हम ध्यान रखेंगे,”

 

 

 

 

 

और फिर, यह तीनों ,अपना सामान बटोर कर, वापस अपने कक्ष में पहुंच जाते हैं,

 

 

 

 

 

विजय ,”यह तो कुछ बड़ा ही चक्कर लग रहा है , तांत्रिक नूरा यहां आकर ,मुझे लगता है ,राजकुमारी को अपने प्रेम के जाल में फंसा कर ,सिंबा वन ले गया है, ताकि वही उसकी चोटी काट ले,”‘

 

 

 

 

 

 

 

अमर ,गहराई से कुछ सोच रहा था ,”उस सैनिक ने कहा कि, राजकुमारी ,नूरा के साथ ,बिना किसी सुरक्षा के जंगल में चली गई है ,देवी पूजा के लिए ,मुझे तो किसी खतरे का आभास हो रहा है,”

 

 

 

 

 

विजय,” तुम्हें क्या लगता है, हमारे हाथ से सारी बाजी निकल गई है ,या अभी हम कुछ कर सकते हैं,”

 

 

 

 

 

अमर का दिमाग, अब कुछ सोचने लगा था,” ,अब मुझे समझ आ रहा है ,हमें यहां किसी खजाने के पीछे नहीं भेजा गया ,बल्कि यह सारा खेल राजकुमारी की चोटी का ही है ,और इसे खेलने वाला है तांत्रिक चित्र देवा,”

 

 

 

 

 

“और अब मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं, अगर राजकुमारी इस महल में नहीं है तो, तांत्रिक चित्र देवा भी यहां से गायब हो गया होगा,”

 

 

 

 

 

विजय ,”फिर तो हमें यह बात महाराज तक पहुंचानी चाहिए, तभी वह कोई थोड़ा एक्शन ले सकते हैं ,और राजकुमारी की सुरक्षा में, अपने सिपाहियों को भेज सकते हैं, वरना नूरा तो अपना खेल खेल जाएगा,

 

 

 

 

 

दरोगा सौरभ ,”पर हम महाराज से क्या कहेंगे ,कहीं ऐसा ना हो कि, वह हमीं पर इल्जाम ना लगा दे ,”

 

 

 

 

 

अमर ,”क्यों वह हम पर कैसे इल्जाम लगा सकते हैं, उनकी पुत्री अपनी पसंद के लड़के के साथ जंगल में देवी पूजा के लिए गई है, और यह बात महाराज को भी अवश्य पता होगी,”

 

 

 

 

 

विजय ,”मेरा तो सर दर्द हो रहा है ,अब साफ-साफ बताओ ,हमें क्या करना है ,यहां रुकना है, या यहां से चल पड़े ,अगर राजकुमारी की चोटी हमें प्राप्त करनी है तो, अब हम उसे जंगल में भी प्राप्त कर सकते हैं ,

 

 

 

“,हमारे पास तो और भी अच्छा मौका है, क्यों ना हम बलवान को भी इसकी जानकारी दे दें ,और वह भी हमारी मदद करने, उस जगह पर आ जाएगा,”

 

 

 

 

 

 

 

दरोगा सौरभ,” तुमने बिल्कुल ठीक कहा ,हमें भी यहां से निकल चलना चाहिए ,अब महल में रहने का कोई फायदा नहीं है,”

 

 

 

 

 

अमर ,”ठीक है चलो फिर ,अपना जरूरत का सामान ले लो , और अब यहां से निकल चलते हैं,”

 

 

 

और फिर तीनों ,अपनी जरूरत का सामान लेकर, फिर से दीवार पार कर गए थे,

 

 

 

 

 

दूसरी तरफ,

 

 

 

 

 

राजकुमार उर्फ तांत्रिक नूरा ,का रथ तेजी से भाग रहा था, और तभी उन्हें काली परछाई, बेहद दूर रास्ते में खड़ी दिखाई देती हैं,

 

 

 

 

 

सुरा और सखी ,जो सामने ही देख रहे थे ,उनकी नजर उस परछाई पर पड़ जाती है,

 

 

 

 

 

सखी सुजाता ,”यह तो मुझे कोई चुड़ैल प्रतीत होती है, उसके बाल देख रहे हो, कैसे उड़ रहे हैं ,रथ रोक लो ,सुरा, वरना हमारा रथ उस चुड़ैल से टकरा जाएगा,”

 

 

 

 

 

 

 

सुरा ,”राजकुमार नूरा ,सामने देखिए ,मुसीबत आंखें फाड़े हमें ही देख रही है ,क्या करना है ,जल्दी बताइए,”

 

 

 

 

 

राजकुमार उर्फ तांत्रिक नूरा “,बिल्कुल रथ मत रोकना, उसे स्वयं हमारे सामने से हटना होगा ,”

 

 

 

 

 

 

 

रथ बिना रुके ,तूफानी स्पीड से ,रास्ते में बाहें फैलाए खड़ी चुड़ैल से ,सीधा जा टकराने ही वाला होता है की, वह चुड़ैल हवा में उड़ जाती हैं,

 

 

 

 

 

चुड़ैल,” रुक जाओ तांत्रिक नूरा, बंद करो ,यह अपना खेल ,वरना तुम भी अपनी मौत के ,स्वयं उत्तरदाई होंगे,”

 

 

 

 

 

चुडैल ,की यह आवाज सुनकर ,राजकुमारी शिल्पा और सखी हैरान रह जाते हैं,

 

 

 

 

 

राजकुमारी शिल्पा,” यह क्या बोल रही है राजकुमार ,उसने तुम्हें तांत्रिक नूरा कह कर पुकारा है, क्या तुम तांत्रिक हो, कोई योद्धा नहीं,”

 

 

 

 

 

राजकुमार उर्फ तांत्रिक नूरा ,”राजकुमारी जी, मैं योद्धा होने के साथ-साथ ,ऐसी काली शक्तियों से लड़ने वाला तांत्रिक भी हूँ,”

 

 

 

 

 

“और आप इस चुड़ैल की बात मत सुनो ,यह बहुत ही खतरनाक चुड़ैल है, पता नहीं ,कहां से हमारा रास्ता रोकने आ गई,”

 

 

 

 

 

चुड़ैल ,”मेरी बात मान लो तांत्रिक नूरा ,वरना पछताने का भी मौका नहीं मिलेगा, तुम जिस भविष्य से ,इस काल में आए हो ,और अब तक तुमने, मां काली की तपस्या करके जितनी भी काली शक्तियों पर ,अपना अधिकार जमाया है, वह एक ही झटके में खत्म हो जाएगी, तुम एक आम इंसान बनकर रह जाओगे, और हमेशा के लिए ,इस समय चक्कर में घूमते रह जाओगे,”

 

 

 

 

 

 

 

सुरा ,”राजकुमार यह क्या बकवास कर रही हैं, मुझे तो इसकी कोई बात समझ में नहीं आ रही ,आप जरा इसे अपनी शक्ति का परिचय करवाओ,”

 

 

 

 

 

चुड़ैल ,”तांत्रिक नूरा तुम चाहो तो ,मैं तुम दोनों को अभी तुम्हारे समय काल में भेज सकती हूं ,मैं तुम्हारे लिए वह द्वार खोल सकती हूं ,जिसे उस दुष्ट तांत्रिक चित्र देवा ने, उन दो मासूम लड़कों को, उकसा कर खुलवा लिया था,”

 

 

 

“उन दोनों लड़कों को तो, यही नहीं पता था कि ,वह क्या कर रहे हैं, उन्हें तो सिर्फ खजाना दिख रहा था, परंतु वास्तविकता में, तो वह तांत्रिक चित्र देवा के ,तंत्र जाल से यहां आने का द्वार खोल बैठे थे,”

 

 

 

 

 

तांत्रिक नूरा ,चुड़ैल की बात सुनकर,” क्या कह रही हो चुड़ैल, उस समय काल से ,तांत्रिक चित्र देवा यहां आकर क्या हासिल करना चाहता है,”

 

 

 

 

 

चुड़ैल,” वह हासिल करना चाहता है ,दित्य सिंबा की शक्तियों को ,ताकि वह तंत्र और काली शक्तियों का, महा ज्ञाता बन सके ,और फिर कोई उसका सामना ना कर सके,”

 

 

 

 

 

“और अब तुम भी, इसी रास्ते पर अग्रसर हो ,यह तो मुझे पता लग चुका है ,पर फिर भी मैं तुम्हें संभलने का एक मौका दे रही हूं ,क्योंकि तुम्हारा इरादा भी ,यहां यह सब करने का नहीं था ,पर अब तुम, यह सब यहां करने लगे हो, अपने आप को तांत्रिक विद्या में, काली शक्तियों में, सबसे बड़ा तांत्रिक बनाने की ,तुम्हारी इच्छा भी जागृत हो गई है,”

 

 

 

 

राजकुमारी शिल्पा ,”यह सब क्या बोल रही है, इस समय काल का क्या मतलब हुआ ,कौन से समय से, कौन कहां आ गया है, मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा है,”

 

 

 

 

 

 

 

चुड़ैल ,अपना रूप बदलकर ,अकाश में एक विशाल पक्षी का रूप धारण कर लेती हैं, और उनके रथ की स्पीड के साथ उड़ने लगती है,

 

 

 

 

 

तांत्रिक नूरा, “हमारे पीछे आने की कोई जरूरत नहीं है, चुड़ैल वापस लौट जा, हम तेरे झांसे में नहीं आने वाले हैं, हम देवी की पूजा करने अवश्य जाएंगे,”

 

 

 

 

 

 

 

सुरा ,”राजकुमार ,आप कोई शक्तिशाली अस्त्र इस पर चला दो ,तभी यह यहां से भाग जाएगी, वरना हमारा पीछा ही करती रहेगी,”

 

 

 

 

 

राजकुमार नूरा,” ठीक रहते हो “और वह रथ में पड़े अपने भाले को अभिमंत्रित करता है, और आकाश में उड़ रहे उस चुड़ैल पक्षी के ऊपर चला देता है ,उस अभिमंत्रित वार से वह चुड़ैल, इस तरफ को उड़ गई थी ,और आकाश में काफी दूर जाकर , विलीन हो गई थी,

 

 

 

 

 

 

 

राजकुमारी शिल्पा ,”आप मुझे बताओगे राजकुमार, यह सब क्या है, वह चुड़ैल क्या कहना चाहती थी ,मुझे उसकी कोई बात समझ में नहीं आ रही थी, क्या मकसद है तुम्हारा ,क्या तुम भी महा शक्तिशाली बनने के लिए, मेरी चोटी प्राप्त करना चाहते हो,?,

 

 

 

 

 

राजकुमार नूरा,” अरे नहीं , तुम उस चुड़ैल की बातों में क्यों आ रहे हो , तुम शांत बैठी रहो ,ऐसा कुछ नहीं है,”

 

 

 

 

 

राजकुमारी शिल्पा ,”अगर ऐसी बात है तो ,फिर अभी रथ रोक लो ,मुझे यहां से आगे नहीं जाना है ,जब तक कि मुझे ,सारी बात अच्छी तरह से समझ नहीं आ जाती,”

 

 

 

 

 

राजकुमार नूरा ,”क्या तुम्हें मुझ पर विश्वास नहीं रहा ,तुमने पहले भी ऐसा ही किया था ,और अब फिर से तुम वही करने जा रही हो ,यह वही चुड़ैल है ,जिसने पहले भी तुम्हारे और मेरे बीच में दरार डालने की कोशिश की है ,और यह फिर से ऐसा ही कर रही है,”

 

 

 

 

 

सुरा ,”राजकुमार ठीक कह रहे हैं राजकुमारी जी ,आप उसके बहकावे में मत आइए ,वरना रथ रुकते ही, वह चुड़ैल हम पर हावी हो जाएगी ,और फिर हम कुछ नहीं कर पाएंगे,”

 

 

 

 

 

राजकुमारी शिल्पा ,उन दोनों की बात सुनकर, फिर से गहरी सोच में डूब गई थी ,और अपने सिर की चोटी को, उसने अपने आगे की तरफ कर लिया था ,और उस पर बड़े प्यार से हाथ फेरने में लग जाती हैं,

 

 

 

 

 

राजकुमार नूरा ,”तुम्हें क्या लगता है राजकुमारी, क्या मैं तुम्हारी है चोटी काट लूंगा,”

 

 

 

 

 

राजकुमारी शिल्पा ,उसकी आंखों में देखती है ,और,” “नहीं राजकुमार ,मुझे नहीं लगता कि, तुम ऐसा कुछ करोगे ,”,और फिर से ,अपनी चोटी को पीछे की तरफ उछाल देती है,

 

 

 

, और अपने हाव-भाव ऐसे दर्शाने की कोशिश करती है, जैसे उसे राजकुमार नूरा पर पूरा विश्वास हैं,और वह उस चुड़ैल की बातों में ,बिल्कुल नहीं आई हैं,

 

 

 

 

 

राजकुमार नूरा ,उसके आंखों के भाव को पढ़कर, मन ही मन में,” राजकुमारी शिल्पा ,फिक्र मत कर ,कुछ ही समय बाद, हम सिंबा वन में प्रवेश कर जाएंगे ,और फिर मैं ,तेरी चोटी काट कर ,दैत्य सिंबा को अपना गुलाम बना लूंगा,”

 

 

 

 

 

दूसरी तरफ,

 

 

 

 

 

अमर ,विजय और दरोगा सौरभ ,राज महल से बाहर आ गए थे, और एक तरफ को बढ़ने लगे थे ,तभी उनके सामने चुड़ैल, अपने वास्तविक रूप में आ खड़ी होती है, जिसे देखते ही, तीनों इतने ज्यादा भयभीत हो गए थे कि, एक दूसरे को कस कर पकड़ लिया था,

 

 

 

क्रमशः

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